दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों को लेकर लंबे समय से जंग चल रही है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए केंद्र की ओर से लाए गए अध्यादेश पर आम आदमी पार्टी बौखलाई हुई है.
इस अध्यादेश की जगह लेने के लिए राज्यसभा में विधेयक पेश करने का कड़ा विरोध कर रही है. आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें चड्ढा ने कहा है कि ये अध्यादेश चुनी हुई सरकार से उसका संवैधानिक अधिकार छीनता है.
आप इस बिल का विरोध कर रही है क्यूंकि उसे दर है की शीशमहल घोटाला, शराब घोटाला, फीडबैक घोटाला सामने न आजाए. राघव चड्ढा द्वारा एक पत्र में लिखा है की 11 मई 2023 को संविधान पीठ ने जो फैसला दिया था उसको पलट रहा है यह बिल. आर्टिकल 239(aa) के तहत केंद्र सरकार के पास यह अधिकार है ऐसे बिल लाने का.
अरविंद केजरीवाल, केंद्र के इस कदम को दिल्ली की चुनी हुई सरकार की शक्तियां छीनने वाला अध्यादेश बता चुके हैं. लंबे समय से केजरीवाल इसी अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन हासिल करने में लगे थे. अध्यादेश को लेकर विधेयक पेश किया गया तो वो कानून का रूप लेलेगा, और दिल्ली पर राज करने के केजरीवाल सपने पर तो पानी फिरेगी ही साथ ही अरविंद केजरीवाल को इसा भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.


 
			 
			 
			 
			 
			 
			 
			 
			
 
                 
                 
                


