बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा का आठवां दिन शुक्रवार को कटिहार से शुरू होकर पूर्णिया और अररिया तक पहुंचा। यात्रा के दौरान राहुल गांधी बुलेट बाइक पर सवार नजर आए, जबकि उनके पीछे बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम बैठे थे। तेजस्वी यादव भी एक अलग बाइक पर निकले। हालांकि उम्मीद के मुताबिक भीड़ इस यात्रा में नहीं दिखी, जिससे कार्यक्रम के राजनीतिक असर पर सवाल खड़े हो गए।
सुरक्षा चूक से बढ़ी चिंता
पूर्णिया में यात्रा के दौरान एक अप्रत्याशित घटना भी सामने आई। एक व्यक्ति अचानक राहुल गांधी के पास पहुंचा और उन्हें चूमने की कोशिश करने लगा। सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उस व्यक्ति को पीछे धकेला और थप्पड़ भी जड़ा। हालांकि राहुल गांधी इस दौरान मुस्कुराते हुए नजर आए, लेकिन इस वाकये ने सुरक्षा चूक पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
जनता की भागीदारी पर उठे सवाल
कांग्रेस और राजद की इस संयुक्त यात्रा को लेकर बड़ी भीड़ जुटाने का दावा किया जा रहा था, लेकिन स्थानीय इलाकों में यात्रा के दौरान सामान्य से भी कम लोग दिखाई दिए। कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए राहुल और तेजस्वी के साथ चल रहे थे, मगर आम जनता की अनुपस्थिति को लेकर विपक्षी दलों ने तंज कसा है।
राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान एक बार फिर दोहराया कि बिहार में किसी भी हाल में “वोट चोरी” नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में पारदर्शिता और निष्पक्ष चुनाव के लिए यह यात्रा निकाली गई है। हालांकि आलोचक पूछ रहे हैं कि जब जनता ही इस अभियान में बड़ी संख्या में शामिल नहीं हो रही, तो इसकी राजनीतिक सफलता पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
कांग्रेस और राजद इस यात्रा को विधानसभा चुनाव से पहले अपने गठबंधन के लिए मजबूत आधार बनाने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं। लेकिन लगातार कम भीड़ और विवादों के चलते इस अभियान की सफलता को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
बिहार में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन सुरक्षा चूक और भीड़ की कमी जैसे मसले इसे राजनीतिक चर्चा का विषय बना रहे हैं। आने वाले दिनों में यह यात्रा कितनी असरदार साबित होगी, इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।