प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों चार देशों के अहम विदेश दौरे पर हैं। इस यात्रा के तहत वे अब तक घाना और त्रिनिदाद एंड टोबैगो पहुंच चुके हैं, जहां उनका ऐतिहासिक स्वागत किया गया। त्रिनिदाद एंड टोबैगो में पीएम मोदी की यात्रा से भारत और कैरिबियाई देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिली है। पीएम मोदी अब ब्राजील की यात्रा के लिए रवाना हो चुके हैं, जहां वे 5 से 8 जुलाई तक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घाना यात्रा विशेष महत्व रखती है, क्योंकि यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पिछले तीन दशकों में पहली द्विपक्षीय यात्रा थी। घाना में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया। इसके बाद त्रिनिदाद एंड टोबैगो में भी पीएम मोदी का जोरदार स्वागत हुआ। इस दौरान उन्होंने भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया और भारत के सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़े कई प्रतीक चिह्न भेंट किए।

त्रिनिदाद एंड टोबैगो में प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर को ‘बिहार की बेटी’ कहा। उन्होंने उन्हें अयोध्या के राम मंदिर का मॉडल, सरयू नदी का जल और प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का जल भेंट किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय प्रवासी भले ही गंगा और यमुना को पीछे छोड़ आए हों, लेकिन अपने दिल में रामायण और भारतीय संस्कृति को हमेशा संजोकर रखते हैं। उन्होंने प्रवासी भारतीयों की संघर्षपूर्ण यात्रा को साहस की मिसाल बताया।

प्रधानमंत्री की इस यात्रा के राजनीतिक संकेत भी हैं। त्रिनिदाद एंड टोबैगो में दिए गए संदेशों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि इसका असर भारत में आगामी बिहार चुनावों पर भी पड़ सकता है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी को विदेशों में मिल रहे सम्मान से चीन और कांग्रेस पार्टी में बेचैनी देखी जा रही है। विपक्ष लगातार उनकी विदेश यात्राओं और बढ़ती अंतरराष्ट्रीय छवि पर सवाल उठा रहा है।

अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील की यात्रा पर हैं, जहां वे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वे अर्जेंटीना और नामीबिया की यात्रा भी करेंगे। इस पूरे विदेश दौरे को भारत की वैश्विक रणनीति और बहुपक्षीय संबंधों के लिहाज से अहम माना जा रहा है।