भारत की कूटनीति ने बीते दो दिनों में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना की संसद में वेदों की ऋचाओं के माध्यम से भारत की समृद्ध संस्कृति और सनातन धर्म के शांति संदेश का विश्वव्यापी परिचय कराया। वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका दौरे के दौरान आतंकवाद पर भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराते हुए वैश्विक समुदाय के समक्ष भारत का स्पष्ट रुख रख रहे हैं। इन दोनों घटनाओं ने भारत की वैश्विक छवि को मजबूती दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुप्रतीक्षित पांच देशों की यात्रा के दौरान घाना में दिया गया उनका भाषण ऐतिहासिक बन गया। घाना की संसद में मोदी ने जब वेदों की ऋचाएं पढ़ीं और सनातन धर्म के शांति, समरसता और मानव कल्याण के संदेश को साझा किया, तो पूरा सदन भावविभोर हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि भारत की संस्कृति सह-अस्तित्व, करुणा और सार्वभौमिक भाईचारे की पक्षधर रही है।
इस ऐतिहासिक मौके पर भारत और घाना के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए गए। इनमें व्यापार, निवेश, शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे ‘न्यू वर्ल्ड ऑर्डर’ में भारत की भूमिका को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
अमेरिका में आतंकवाद पर भारत का दो टूक संदेश
उधर, विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका के दौरे पर विभिन्न मंत्रियों से उच्चस्तरीय वार्ताएं कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की नीति बिल्कुल स्पष्ट और कड़ी है—कोई भी आतंकवादी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जयशंकर ने पश्चिमी देशों पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब आतंकवाद की बात आती है, तो सभी देशों को एकजुट और निष्पक्ष होना चाहिए।
जयशंकर ने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर समझौते को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि यह फैसला दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMOs) के बीच आपसी बातचीत का परिणाम था, और इसमें किसी तीसरे देश की भूमिका नहीं थी।
QUAD का साझा बयान और भारत की दृढ़ता
इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद QUAD देशों—भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया—ने आतंकवाद के खिलाफ साझा बयान जारी किया। भारत ने इस मंच से भी दोहराया कि किसी भी आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा और विदेश मंत्री जयशंकर की अमेरिका में सक्रियता भारत की वैश्विक भूमिका को नए आयाम दे रही है। शांति, सुरक्षा और विकास के मुद्दों पर भारत की मुखरता वैश्विक कूटनीति में उसकी अहमियत को रेखांकित कर रही है। आने वाले दिनों में इन पहलों के परिणामस्वरूप भारत और मजबूत वैश्विक स्थिति में नजर आ सकता है।