संघ प्रमुख मोहन भागवत इन दिनों तीन दिवसीय मथुरा दौरे पर हैं, और इसी दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा को लेकर एक बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने साफ कहा कि अयोध्या में सनातन का झंडा शान से लहरा चुका है, अब बारी काशी और मथुरा की है। ऐसे में मोहन भागवत का मथुरा प्रवास और मुख्यमंत्री योगी की विकास योजनाएं—दोनों को जोड़कर इसके राजनीतिक और सांस्कृतिक संकेत तलाशे जा रहे हैं।

संघ प्रमुख का विशेष प्रशिक्षण शिविर

मोहन भागवत मथुरा में RSS के एक विशेष प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रहे हैं। यह शिविर 28 मई से 18 जून तक चलेगा, जिसमें देश भर से आए 251 स्वयंसेवक हिस्सा ले रहे हैं। इस शिविर में देश की वर्तमान दशा, दिशा और सामाजिक विषयों पर संवाद किया जा रहा है। संघ प्रमुख 14 जून को मथुरा प्रवास समाप्त कर दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

योगी सरकार की मथुरा-काशी योजना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मथुरा में विकास परियोजनाओं पर खास जोर दे रहे हैं। उन्होंने पहले ही संकेत दे दिए हैं कि अयोध्या की तरह अब काशी और मथुरा को भी विश्वस्तरीय धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। पहले ही इन दोनों जिलों में कई योजनाओं पर काम चल रहा है। मथुरा और काशी दोनों ही बीजेपी और सीएम योगी के लिए न सिर्फ धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी बेहद अहम हैं।

श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या, सनातन धर्म की आस्था और धार्मिक स्थलों का सांस्कृतिक महत्व—ये सभी कारण मथुरा और काशी को विकास की प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखते हैं। और जब संघ प्रमुख मोहन भागवत जैसे प्रभावशाली नेता मथुरा प्रवास पर हों, तो स्वाभाविक है कि इसके सियासी संकेत भी दूर तक जाते हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मथुरा-काशी के विकास की दिशा आने वाले समय में कितनी तेज़ होती है और इसमें संघ और सरकार की भूमिका कितनी गहरी होती है।